Sunday, February 9, 2020

बराक ओबामा की 'अमेरिकन फैक्ट्री' को मिला ऑस्कर, कैंसर पीड़ित डायरेक्टर की थी 'आखिरी इच्छा' February 09, 2020 at 09:41PM

एक तरफ जहां यानी ऑस्कर्स में 'पैरासाइट', वॉकिन फिनिक्स और रेने जेलवेगर की चर्चा हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर 'अमेरिकन फैक्ट्री' फिल्म भी छाई हुई है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रॉडक्शन बैनर तले बनी इस फिल्म को बेस्ट डॉक्युमेंट्री फीचर का ऑस्कर मिला है। अवॉर्ड की घोषणा होते ही फिल्म की टीम की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। डायरेक्टर्स जूलिया रिचर्ट, स्टीवन बॉगनर और जेफ रिचर्ट ने जैसे ही ऑस्कर हाथ में उठाया, लग रहा था मानो सपना पूरा हो गया। 'अमेरिकन फैक्ट्री' की कहानी इसकी कहानी एक ऐसी फैक्ट्री की कहानी है जिसे एक चीनी अरबति अमेरिका के ओहियो प्रांत में खोलता है। डॉक्युमेंट्री को रिलीज होने पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला और क्रिटिक्स ने इसे खूब सराहा गया। फिल्म में अमेरिका और चीन के बीच के टकराव को बड़ी ही खूबसूरती से दिखाया गया है। लाइलाज कैंसर से पीड़ित हैं फिल्म की डायरेक्टर 73 वर्षीय जूलिया रिचर्ट, जो कि टर्मिनल कैंसर से पीड़ित हैं, उनके लिए इस एतिहासिक जीत के काफी मायने हैं। जूलिया को ऑस्कर के लिए पहले भी 3 बार नॉमिनेशन मिला, लेकिन इस बार ऑस्कर जीतना उनकी आखिरी इच्छा पूरी होने जैसा है। दरअसल जिस टर्मिनल कैंसर से जूलिया पीड़ित हैं, उसका दुनिया में कोई इलाज नहीं है। कुछ वक्त पहले एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में जूलिया रिचर्ट ने अपने कैंसर के बारे में बात करते हुए बताया था कि इसका कोई इलाज नहीं है और उनके पास अब ज्यादा वक्त भी नहीं बचा है। को-डायरेक्टर को 10 साल किया डेट बता दें कि जूलिया रिचर्ट अपनी इस फिल्म के डायरेक्टर स्टीवन बॉगनर को 10 साल से डेट कर रही हैं। बाद में दोनों साथ में काम करने लगे और इस दौरान उन्होंने कैंसर पर भी खूब पढ़ाई की। पर जूलिया को क्या पता था कि एक दिन वह ही जानलेवा कैंसर का शिकार हो जाएंगी। ज्यादा वक्त नहीं है जूलिया रिचर्ट के पास करीब डेढ़ साल पहले जूलिया रिचर्ट को यूरोथिलियल कैंसर हुआ था। लेकिन इलाज के बाद वह ठीक हो गई थीं। पर कैंसर दोबारा लौट आया और ऐसा लौटा कि अब जूलिया के पास बहुत ही कम वक्त बचा है। एक इंटरव्यू में जूलिया ने कहा था कि यह कैंसर जानलेवा है और इसे कड़वे सच से वह वाकिफ हैं। लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं खोई है और जितना भी समय उनके पास बचा है, उसे वह जी-भरकर जीना चाहती हैं।

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