फ्रेंच ऑस्कर सेरेमनी (César Awards) में शुक्रवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब ऐक्ट्रेस कोरिन मासेरियो (Corinne Masiero) ने विरोध करते हुए अपने कपड़े उतार दिए। 57 साल की ऐक्ट्रेस जब स्टेज पर पहुंची तो उन्होंने गधे की तरह दिखने वाला कॉस्ट्यूम पहना हुआ था, जिस पर खून के धब्बे थे। लेकिन इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते, उन्होंने विरोध प्रदर्शन में स्टेज पर ही अपने कपड़े उतार दिए और नेकेड (Naked Protest) हो गईं। फ्रांस में तीन महीने से बंद हैं सिनेमाघरफ्रांस में बीते तीन महीनों से सिनेमाघर बंद पड़े हैं। फ्रेंच ऐक्ट्रेस कोरिन का कहना है कि सरकार को कोरोनो वायरस महामारी के इस दौर में संस्कृति और कला से जुड़े लोगों को सपोर्ट करना चाहिए। स्टेज पर अवॉर्ड देने आई थीं कोरिन मासेरियोकोरिन मासेरियो को स्टेज पर बेस्ट कॉस्ट्यूम अवॉर्ड प्रजेंट करने के लिए आमंत्रित किया गया था। लेकिन उन्होंने स्टेज पर सबके सामने कपड़े उतारकर सभी को चौंका दिया। वह स्टेज पर नेकेड खड़ी थीं। जबकि उन्होंने अपने शरीर पर मेसेज भी लिखा था। उनके शरीर पर लिखा था- नो कल्चर, नो फ्यूचर। यानी कल्चर नहीं, तो भविष्य नहीं। प्रधानमंत्री जीन कैस्टेक्स के खिलाफ नारेबाजीइसके साथ ही कोरिन ने फ्रांसीसी पीएम जीन कैस्टेक्स से अपील करते हुए अपनी पीठ पर भी एक मेसेज लिखा था। उनकी पीठ पर फ्रेंच भाषा में लिखा था, 'हमें हमारा कल्चर वापस दें, जीन।' जिसका वैकल्पिक अर्थ यह है कि 'हमें हमारे पैसे कमाने का जरिया वापस दे दो।' दूसरे कलाकारों ने भी किया प्रदर्शनकोरिन मासेरियो के साथ ही सेरेमनी में मौजूद दूसरे कलाकारों और डायरेक्टर्स ने भी यह मांग की। स्क्रीनप्ले अवॉर्ड पाने वाले स्टीफन डेमोस्टियर ने अपने भाषण में कहा, 'हमारे बच्चे जारा में कपड़े खरीदने जा सकते हैं, लेकिन सिनेमाघर नहीं जा सकते... यह समझ से परे है।' इस फ्रेंच फिल्म ने जीते सबसे ज्यादा अवॉर्डबहरहाल, इस सेरेमनी में अल्बर्ट डुपोंटेल की डार्क कॉमेडी फिल्म 'Adieu Les Cons (Goodbye Morons)' को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला है। यह फिल्म एक बीमार महिला की कहानी है, जो अपने बच्चे को ढूंढ़ रही है। इस फिल्म ने सेरेमनी में 7 अवॉर्ड जीते हैं, जिसमें बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड भी शामिल है। दिसंबर में पेरिस में हुआ था विरोध प्रदर्शनबता दें कि इससे पहले बीते साल दिसंबर महीने में सैकड़ों की संख्या में ऐक्टर्स, डायरेक्टर्स, म्यूजिशियंस, फिल्म के टेक्निशियंस और क्रिटिक्स ने भी पेरिस में सिनेमा और कला को बचाने के लिए अवाज उठाई थी। फ्रांस की सरकार ने महामारी को देखते हुए देश में सभी थिएटर, सिनेमाघरों पर अभी भी पाबंदी लगाई हुई है।