Thursday, June 24, 2021

GOT फेम नताली इमानुएल नम आंखों के साथ बोलीं- ब्रिटेन में ब्‍लैक ऐक्‍टर्स को नहीं मिलता है काम June 24, 2021 at 07:25PM

'' () और ' फ्रेंचाइजी' फेम ब्रिटिश ऐक्‍टर नताली एमानुएल () ने एक इंटरव्‍यू में ब्रिटेन की फिल्‍म इं‍डस्‍ट्री पर रंगभेद का आरोप लगाया है। 'GOT' में मिसांडी और '' सीरीज में मेगन रैमसी का किरदार निभाने वाली ऐक्‍ट्रेस ने दर्द बयान करते हुए कहा कि ब्रिटेन में काले ऐक्‍टर्स (Black Actors) को काम नहीं मिलता है, इसलिए वहां से ऐक्‍टर्स अमेरिका आकर काम करना ज्‍यादा पसंद करते हैं। ऐक्‍ट्रेस यह सब बताते वक्‍त भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। नताली जल्‍द ही 'F9: The Fast Saga' में नजर आने वाली हैं। इंग्‍लैंड में पैदा हुई हैं नताली ने 'एसेंस' वेबसाइट को दिए इंटरव्‍यू में इंडस्‍ट्री में बॉडी इमेज और रंग को लेकर होने वाले भेदभाव (Racism) के बारे में गंभीर बातें कही हैं। इंग्‍लैंड के एसेक्‍स में 2 मार्च 1989 को पैदा हुई नताली कहती हैं कि यदि उन्‍हें उनके ही देश में काम मिलता तो वह कभी अपना वतन छोड़कर अमेरिका नहीं आतीं। भेदभाव के कारण खो गए बहुत से टैलेंटेड ऐक्‍टर्सनताली अपना और दूसरे ब्‍लैक ऐक्‍टर्स का दर्द बांटते हुए कहती हैं, 'ब्रिटिश फिल्‍म इंडस्‍ट्री ने हमें हमेशा खुश होकर गले नहीं लगाया है। मेरे जैसे कई ब्‍लैक मिक्‍सड लोग अमेरिका आ गए, क्योंकि ब्रिटेन में हमारे लिए अवसर नहीं थे। इसका असर यह भी हुआ कि बहुत से टैलेंटेड लोग समय के साथ कहीं खो गए।' ...इसलिए ब्रिटेन छोड़ अमेरिका आ गईं नतालीहालांकि, नताली इमानुएल यह भी मानती हैं कि अलग-अलग जगहों और रंग के लोगों को लेकर हॉलिवुड के अपने मुद्दे हैं। लेकिन अमेरिका की फिल्‍म इंडस्‍ट्री बहुत ज्‍यादा बड़ी है, इसलिए यहां अलग-अलग बैकग्राउंड से आए लोगों के लिए बहुत मौके हैं। ऐक्‍ट्रेस कहती हैं कि यही वह अहसास था, जिसे लेकर वह अपने सपनों के साथ अमेरिका आईं। 'खुश हूं कि जोख‍िम उठाया और लोगों ने पसंद किया'नताली ने अपने इंटरव्‍यू में यह भी स्‍वीकार किया कि ब्रिटेन छोड़कर अमेरिका आना करियर के लिहाज से जोखिम उठाने जैसा था। लेकिन वह मानती हैं कि कोशिश करने से ही राह आसान होती है। नताली कहती हैं, 'मुझे सच में इस बात पर गर्व है कि इस दुनिया ने मेरे फैसले का साथ दिया और मुझे स्‍वीकार किया। मैं कई बार खुद को पिंच करती रहती हूं कि यह सपना ही है या हकीकत।'