जोली ने सोशल मीडिया मंच पर अपने पहले पोस्ट में अफगानिस्तान में एक अज्ञात किशोरी का पत्र साझा किया जिसे तालिबान के शासन के बाद मौजूदा परिस्थितियों में देश में रहने को लेकर डर है।
ऑस्कर पुरस्कार विजेता अभिनेत्री (46) ने कहा, ‘‘अभी अफगानिस्तान के लोग सोशल मीडिया पर संवाद करने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की क्षमता खो रहे हैं। इसलिए मैं उनकी कहानियां और दुनियाभर में उन लोगों की आवाज पहुंचाने के लिए इंस्टाग्राम पर आयी हूं जो अपने मूलभूत मानवाधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।’’
जोली ने याद किया कि वह न्यूयॉर्क में 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों से दो हफ्ते पहले अफगानिस्तान सीमा पर थीं। जोली ने बताया कि उन्होंने अफगान शरणार्थियों से बात की थी जो 20 साल पहले तालिबान के डर से भाग गए थे।
उन्होंने लिखा, ‘‘अफगान नागरिकों को डर के कारण फिर से विस्थापित होते और उनके देश में अनिश्चितता की स्थिति देखना दुखद है। इस नतीजे तक पहुंचने के लिए इतना वक्त और पैसा खर्च किया गया, इतना खून-खराबा हुआ और इतने लोगों की जान गयी। इस नाकामी को समझना मुश्किल है।’’
जोली ने प्रत्यक्ष तौर पर विश्व नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि यह देखना भी बहुत दुखद है कि अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ‘‘बोझ समझा’’ जा रहा है।
हॉलीवुड अभिनेत्री ने लड़की के पूरे पत्र के साथ एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें बुर्का पहने हुए सात अफगान महिलाएं खड़ी दिखायी दे रही हैं। पत्र में लड़की ने तालिबान के शासन के बाद स्कूल जाने में अपनी परेशानियों की विस्तार से जानकारी दी है।
इंस्टाग्राम पर आने के बाद जोली के पहले पोस्ट पर 13 लाख से अधिक लाइक आए हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 42 लाख फॉलोअर भी हो गए हैं।
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